परिचय

सिविल इंजीनियरिंग और विकास विभाग बंदरगाह और समुद्री सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जिम्मेदार है।

समुद्री कार्यों का निर्माण

हम विभिन्न प्रकार के समुद्री कार्यों का डिजाइन और निर्माण करते हैं, जिनमें सार्वजनिक घाट, जलमार्ग सैरगाह, तटीय संवर्धन कार्य, मौजूदा घाटों और लैंडिंग (किनारे पर उतरने की) सुविधाओं में सुधार और घाट सुधार कार्यक्रम के तहत परियोजनाएं शामिल हैं।

जलवायु परिवर्तन और तटीय संरचनाओं पर इसके प्रभाव

हम बुनियादी ढांचे पर जलवायु परिवर्तन कार्य समूह का नेतृत्व करते हैं और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और उनके जलवायु लचीलेपन को बढ़ाने के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुरूप बनने के कार्य विभागों के प्रयासों का संयोजन करते हैं। हम जलवायु परिवर्तन पर विभिन्न अध्ययन भी करते हैं, डिजाइन नियम पुस्तिका को उन्नत करते हैं, और तट के निचले और हवादार स्थानों के लिए जलवायु अनुकूलन उपायों को तैयार करने के लिए एक प्रगतिशील अनुकूली दृष्टिकोण अपनाते हैं।

सलाहकार सेवा

हम उन परियोजनाओं पर सलाहकार सेवा प्रदान करते हैं जिनमें समुद्री कार्य शामिल हो सकते हैं जिसमें सरकारी परियोजनाओं और निजी विकास पर भूमि उपयोग प्रस्तावों की जांच और टिप्पणी शामिल है।

अनुरक्षण

हम 110 प्रकाशस्तम्भ (बीकन), 130 किमी से अधिक समुद्री दीवारों और तरंग-रोधों (ब्रेकवाटर), और 320 से अधिक तटबंधों (पियर्स)और किनारे पर उतरने की (लैंडिंग) सुविधाओं आदि की देखरेख करते हैं (सार्वजनिक तटबंधों के साथ-साथ फ्रेंचाइजी और लाइसेंस प्राप्त नौका घाट भी शामिल हैं)। हम नौवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जहाज के रास्तों, लंगरगाह क्षेत्रों, टाइफून शरण स्थानों और प्रमुख नदी निकासों की नियमित देखरेख तलकर्षण (समुद्र की तह में से रेत निकालने की प्रक्रिया) भी करते हैं।

हमारी सेवाओं के 4 प्रमुख क्षेत्र: